(Impact of AI on IT Jobs in India and Worldwide: Future, Risks & Skills to Learn

1. AI का प्रभाव – क्या बदल रहा है?
🔹 नियमित कामों का ऑटोमेशन
- सॉफ़्टवेयर टेस्टिंग, सपोर्ट टिकट, डाटा एंट्री, बेसिक कोडिंग जैसे दोहराए जाने वाले काम अब AI से स्वतः किए जा रहे हैं।
- इससे लो-स्किल या रूटीन जॉब्स में कटौती हो रही है।
🔹 नौकरियों में बदलाव और कटौती
- कई भारतीय IT कंपनियाँ पहले ही मिड-लेवल और सपोर्ट जॉब्स घटा रही हैं।
- खासकर BPO, टेस्टिंग और मेंटेनेंस जैसे क्षेत्रों पर असर ज़्यादा है।
🔹 नए रोल्स की तेज़ी से बढ़ोतरी
- AI/ML इंजीनियर, डेटा साइंटिस्ट, क्लाउड AI आर्किटेक्ट जैसे रोल्स की मांग बहुत बढ़ रही है।
- कंपनियाँ अब ऐसे कर्मचारियों को चाहती हैं जो AI टूल्स को अपनाकर उत्पादकता बढ़ा सकें।
🔹 प्रोडक्टिविटी और उम्मीदें दोनों बढ़ीं
- जिन कर्मचारियों ने AI टूल्स अपनाए, उनकी कार्यक्षमता तेज़ हुई है।
- लेकिन इसका मतलब यह भी है कि अब कंपनियाँ उनसे और ज़्यादा आउटपुट की उम्मीद करेंगी।
🔹 स्किल गैप का खतरा
- बहुत से IT प्रोफेशनल्स के पास अभी भी AI/ML या नई टेक्नोलॉजी की स्किल्स नहीं हैं।
- यह गैप अगर जल्दी पूरा नहीं किया गया तो करियर में मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
🔹 कुल मिलाकर स्थिति
- कुछ नौकरियाँ जाएँगी, कुछ बदलेंगी और कई नई नौकरियाँ पैदा होंगी।
- असली चुनौती यह होगी कि पेशेवर इन बदलावों के अनुसार खुद को कितनी जल्दी ढालते हैं।
2. IT प्रोफेशनल्स को कौन-सी स्किल्स सीखनी चाहिए?
| स्किल / योग्यता | क्यों ज़रूरी है | कैसे सीखें |
|---|---|---|
| प्रोग्रामिंग और लॉजिक | AI बेसिक कोड लिख सकता है, लेकिन मज़बूत एल्गोरिथ्म और डिज़ाइन स्किल्स इंसान ही देगा | Python, C/C++, प्रोजेक्ट्स, ओपन सोर्स योगदान |
| मशीन लर्निंग / डीप लर्निंग | AI का मुख्य आधार | कोर्स, Kaggle प्रोजेक्ट्स, हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग |
| जनरेटिव AI व प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग | ChatGPT, MidJourney जैसे टूल्स का बेहतर उपयोग | प्रैक्टिकल एक्सपेरिमेंट, प्रॉम्प्ट डिज़ाइन |
| क्लाउड और MLOps | AI प्रोजेक्ट्स बड़े पैमाने पर क्लाउड पर चलते हैं | AWS, Azure, GCP, Docker, Kubernetes |
| सिस्टम डिज़ाइन और आर्किटेक्चर | बड़े सिस्टम में AI को सुरक्षित और स्केलेबल बनाना | डिज़ाइन डॉक्यूमेंट्स, केस स्टडी |
| डेटा इंजीनियरिंग | साफ़ और सही डाटा ही AI को उपयोगी बनाता है | SQL/NoSQL, Spark, Kafka, डेटा पाइपलाइन |
| साइबर सुरक्षा और AI एथिक्स | AI से नई सुरक्षा चुनौतियाँ और नैतिक मुद्दे | GDPR, डेटा प्राइवेसी, AI बायस की समझ |
| डोमेन नॉलेज | हेल्थकेयर, फाइनेंस, एजुकेशन जैसे क्षेत्रों में AI का उपयोग | चुने हुए क्षेत्र का गहन अध्ययन और प्रोजेक्ट्स |
| सॉफ्ट स्किल्स | क्रिटिकल थिंकिंग, टीमवर्क और लीडरशिप | संवाद कौशल, समस्या समाधान |
| सीखते रहने की आदत | टेक्नोलॉजी तेजी से बदल रही है | नई रिसर्च पढ़ना, वेबिनार/वर्कशॉप, प्रैक्टिकल प्रोजेक्ट्स |
3. करियर रणनीति – आगे क्या करें?
✅ अपने मौजूदा काम का मूल्यांकन करें – कौन सा हिस्सा ऑटोमेट हो सकता है और कौन सा यूनिक है।
✅ जल्द से जल्द AI-संबंधी स्किल्स सीखना शुरू करें।
✅ छोटे-छोटे प्रोजेक्ट्स बनाकर AI का प्रयोग करें।
✅ ओपन सोर्स और कम्युनिटी में सक्रिय रहें।
✅ किसी डोमेन (जैसे हेल्थकेयर, फिनटेक) में विशेषज्ञता विकसित करें।
✅ AI से जुड़े नियमों और नीतियों की जानकारी रखें।
👉 सारांश यह है कि –
AI से IT सेक्टर की नौकरियाँ खत्म नहीं होंगी, बल्कि बदलेंगी।
जो प्रोफेशनल नई टेक्नोलॉजी सीखेंगे, तेज़ी से एडॉप्ट करेंगे और AI को अपने काम का हिस्सा बनाएंगे, वही भविष्य में सफल रहेंगे।
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